MAA KA DIL Full Hindi Song
माँ का दिल …माँ का दिल …..
इस से बढ़ के कोई शह भी कोमल नहीं
माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल …माँ का दिल…..
माँ के भक्त जानो थाम के दिल सुनो, माँ के दिल की कहानी सुनाता हूँ मैं
पीड़ा दुःख से घिरी आसुओं से भरी,सच्ची ममता के दर्शन करता हूँ मैं …
दुखिया एक नारी थी भाग्य की मारी थी, सुख देवी था नाम पर सुख न मिला
उसके सिन्दूर को बिंदिया के नूर को,हाय ज़ालिम मुक़दार ने छीन था लिया
एक नूर -ए -नज़र प्यार लक्ठे जिगर,उसकी ममता की चाओ में पलट रहा
माँ की ऊँगली पकड़ चलके इधर उधर,कभी गिरता कभी वह संभालता रहा
माँ को रहता था डर कोई लगे न नज़र ..काल गाल पे टीका लगाती थी वो
होक बस प्यार के मिर्चो को वार के,जलते चूल्हे में निस दिन गिरती थी वो
उसे आँखों से करती वह ओझल नहीं ..-2 माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल …माँ का दिल …..
कपडे सी सी के वो आंसू पी पी के वो, अपने बेटे पे खुशिया लूटती रही
अब लक़ीबे बसी करके माथा कशी, भूकी खुद रह के उसको खिलते रही -2
दिन गुज़रते रहे रो रो के काट ते रहे, कभी बच्चे को गम न था करने दिया
चाहे लाचार था दुःख से दो चार थी, साया दुखो का उसपे ना पड़ने दिया
मनन में था हौसला था कल को होक बड़ा, मेरे कदमो पे खुशियां बीच देगा यह
अच्छे दिन आएंगे दूर गम जाएंगे, मेरे कांटो को कलियाँ बना देगा यह
आंबे मैया के डर उसका करने शुक्र,साथ बेटे के एक दिन जाउंगी मैं
घर में आये बहु परियों सी हूबहू, मांग मन्नत भवानी से आयुंगी मैं
दूर मुझसे मेर अब तो मंज़िल नहीं -2, माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल …माँ का दिल…..
दे के ममता दुलार जाग कर बेशुमार, रोज़ सपने ही सपने संजोती रही
कभी मुँह छूमती उस को ले झूमती, चाहे परदे में निस दिन ही रोती रही
तारा आखो का वो माँ का प्यारा था जो, वक्त के साथ एक दिन बड़ा हो गया
माँ के बलिदान की कोई कदर ना रही, बुरी संगत की ददल में वो खो गया
एबो से घिर गया इस कदर गिर गया, गालिया तक था माँ को सुनने लगा
महंतो का जो धन एक चंडाल बन, बेहयाई से वो था लुटाने लगा
मैया रोती रही आहे भरी रही, हाय सोचा था क्या और क्या हो गया
सपना टुटा है क्यू भग्य फुट है क्यू, क्यू भलाइयों का बदला बुरा हो गया
चाह जो था हुआ उस को हासिल नही-2, माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल…माँ का दिल …..
वो दुराचारी बन हो गया बदचलन, फास गया लड़की के प्रेम जाल में
जितना चिल्लाती माँ उस को समझती माँ, उतना ज्यादा वो डूब था जंजाल में
रोज लड़की से मिल उसका कहता था दिल, तुझ से शादी रचाने को जी चाहता
तुझे दुल्हन बना डोली में बिठा, घर आपने ले जाने को जी चाहता
तेरे सर की कसम मेरे प्यारे सनम, तेरे बिन अब तो मुझ से जिया जाए ना
तुम को जो करू तुमपे जा वार दू, पर जुदाई का विष ये पिया जाये ना
तेरे बिन अब तो मुझसे जिया जाये न, तुम कहो जो कर तुझपे जान वार दू
पर जुदाई का विश ये पिया जाये न ..2, लड़की ने कहा गर मुझसे वफ़ा
दिल अपनी तू माँ के मुझे ला के दे, जो तू इतना करे मेरा वडा है ये
तो मई जाउंगी शान से घर में तेरे, बड़ा आसान है काम मुश्किल नहीं ..2
माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं..२
माँ का दिल …माँ का दिल …..
अँधा हो प्यार में झूठे ऐतबार में, हाय लेके छुरी अपने घर आ गया
माँ के o कुछ न पता होने वाला है क्या, बीटा ढाने को क्या है कहर आ गया ..2
माँ ने रोज़ की तरह कहना लेक दिया,और सौ सौ दुआए भी डेन लगी
लाल समझो मेरे सड़के जाऊं तेरे, सच्ची ममता बालाएं थी लेने लगी
बता शैतान था हुआ हैवान था, झूठी उल्फत माँ की खुसी जल गयी
जनम जिसने दिया दूध जिसका पिया, उसके दिल पे ही उसकी छुरी चल गयी ..2
खून माँ का पियो बीटा जुग जुग जियो,तेरी हरकत से माता का मन खिल गया
मरते मरते यही माँ ने आवाज दी,मेरी ममता का मुझको सील मिल गया
अपने कातिल को समझे जो कातिल नहीं ..2, माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल…माँ का दिल …..
बेहया बेरहम करके ऐसा कर्म, भागा लड़की के घर था चला जा रहा
जो था वादा किया वो निभा है दिया, अपनी मक्कारी पर था वो इत्र रहा ..2
चलते चलते तभी उसको ठोकर लगी,और धरती पे मुँह के वो बल गिर गया
हाथो से फिसल गया माँ का वो दिल,इतना माँ की दुआओ का फल गिर गया
बोला माता का दिल मेरे लाल संभल, कोई तेरी वफ़ा में खोंट तो नहीं
तेरा होए रे भला मुझे सच सच बता, कही तुझ को लगी कोई चोंट तो नहीं ..2
मेरे दिल को उठा दिल को दिल से लगा,इस दिल में बड़ा प्यार तेरे लिए
दिल हरदम मेरा देता दिल से दुआ, दिल ये कुर्बान सौ बार तेरे लिए
माँ रहें दिल है तुझ जैसी संघ दिल नहीं,माँ रहें दिल है तुझ जैसी संघ दिल नहीं
माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2, माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल …माँ का दिल…..
लेके थोड़ा सा डैम बेअकल बेशरम, दिल माँ का उठा के चला वो गया
खूंखार वो पशु दाल माँ का लहू,करना रौशन वो चाहे वफ़ा का दिया
करना रौशन वो चाहे वफ़ा का दिया,प्रेमिका के वो घर फक्र से पहुचकर
बोला माँ का ये दिल मैं लाया मेरी जान,इस जहाँ में कही कोई मुझसे नहीं
पास कर लिया मैंने ये इम्तेहान, पागलपन देखकर बोली वो चीख कर
अरे वहशी दरिंदे ये क्या कर दिया, धरती फैट जाएगी प्रलय आ जाएगी
तूने ममता को जग में तबाह कर दिया ..2, तेरे जैसे अगर हुए और भी बशर
माँ बेटो को जनम न देगी कभी,रोना आता मुझे लाख लानत तुझे
मेरे घर से ओ जालिम निकल जा अभी, तू मेरे प्यार के अब तो काबिल नहीं
तू मेरे प्यार के अब तो काबिल नहीं, माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल…माँ का दिल …..
उसकी फटकार से लानतों की मार से, सर पिट के कलंकी वो रोने लगा
मैंने क्या कर दिया खून माँ का किया, अपने किये पे शर्म सार होने लगा
माँ का दिल देख कर माथे को टेककर, बोला हे जननी मैया मुझे माफ़ कर
मैं हु पापी बड़ा झुक सर है खड़ा, हो सके तो ये चोला मेरा सार कर
अब मैं जाऊं कहा मुह छुपाऊ कहा, मैंने खुद को गुनाहों में कर्क क्र लिया
तू तो निर्दोष माँ तूने कुछ न किया,मैंने जीवन ये अपना नरक कर ..2
माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल …माँ का दिल …..
जो किया सोच कर बालो को नोच कर, वो जमी पे था सर को पटकने लगा
लोग धिक्कारते पत्थर भी मारते, वो पागल हो दर दर भटकने लगा
सभी कहते ये माफ़ी के काबिल नहीं,सभी कहते ये माफ़ी के काबिल नहीं
माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
बेड़ियो में जकड पुलिस ले गयी पकड़, मौत सामने कड़ी देख कर वो डर गया
खौफ इतना बढ़ जो वो सह न सका, पागल खाने में रो रो के वो मर गया ..2
माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल…माँ का दिल…..
माँ के भक्तो सुनो इससे कुछ सबक लो, दिल भूले से माँ का दुखाना नहीं
ये समझ लो सभी माँ ने आह जो भरी, लोक परलोक कही भी ठिकाना नहीं
आंबे माँ के भवन पीछे रखना कदम, पहले घर बैठी माँ के चरण चुम लो
उसका आशीष ले ममता चुनरी टेल, सच्ची जन्नत के करके दरश झूम लो ..2
घर में भूखी है माँ बहार लंगर लगा,ऐसा इस कभी बक्शे जाते नहीं
माँ को पीड़ा से भर जा के दाती के घर, शेरो वाली का वो प्यार पते नहीं
माँ सा निर्दोष गुरु कोई कामिल नहीं ..2, माँ के दिल जैसा दुनिया में कोई दिल नहीं ..2
माँ का दिल …माँ का दिल…..
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